गुब्बारे को कपड़े पर रगड़ने की प्रक्रिया द्वारा एक तरह की विद्युत् उत्पन्न होती है जिसे स्थिर विद्युत् कहते हैं। इस स्थिर विद्युत् के कारण गुब्बारा आवेशित हो जाती है। इसी आवेश के कारण वह दीवार पर चिपक जाता है।
गुब्बारे को कपड़े पर रगड़ने की प्रक्रिया द्वारा एक तरह की विद्युत् उत्पन्न होती है जिसे स्थिर विद्युत् कहते हैं। इस स्थिर विद्युत् के कारण गुब्बारा आवेशित हो जाती है। इसी आवेश के कारण वह दीवार पर चिपक जाता है।
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