Science General Knowledge

एलईडी लाइट्स कैसे काम करते हैं?

प्रकाश उत्सर्जन डायोड (लाइट एमिटिंग डायोड) एक अर्ध चालक-डायोड होता है, जिसमें विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह प्रकाश उत्सर्जित करता है। एल.ई.डी. कई प्रकार की होती हैं। इनमें मिनिएचर, फ्लैशिंग, हाई पावर, अल्फा-न्यूमेरिक, बहुवर्णी और ओ.एल.ई.डी प्रमुख हैं। मिनिएचर एल.ई.डी. का प्रयोग इंडिकेटर्स में किया जाता है। लैपटॉप, नोटबुक, मोबाइल फोन, डीवीडी प्लेयर, वीडियो गेम और पी.डी.ए. आदि में प्रयोग होने वाली ऑर्गैनिक एल.ई.डी. (ओ.एल.ई.डी.) को एल.सी.डी. और सी.आर.टी. टेक्नोलॉजी से कहीं बेहतर माना जाता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक चिप है जिसमें से बिजली गुज़रते ही उसके इलेक्ट्रॉन पहले तो आवेशित हो जाते हैं और उसके बाद ही, अपने आवेश वाली ऊर्जा को प्रकाश के रूप में उत्सर्जित कर देते हैं। इसका मुख्य प्रकाशोत्पादन घटक गैलियम आर्सेनाइड होता है। यही विद्युत ऊर्जा को प्रकाश में बदलता है। एल.ई.डी. पारंपरिक प्रकाश स्रोतों की तुलना मे बहुत उन्नत है जिसका कारण है, ऊर्जा की कम खपत, लंबा जीवनकाल, उन्नत दृढ़ता, छोटा आकार और तेज स्विचन आदि, हालांकि, .एल.ई.डी. अपेक्षाकृत महंगी होती हैं और परंपरागत स्रोतों की तुलना में इनके लिए अधिक सटीक विद्युत धारा और गर्मी के प्रबंधन की जरूरत होती है। एक विद्युत बल्ब लगभग 1000 घंटे ही प्रकाश दे पाता है, जबकि एल.ई.डी. एक लाख घंटे भी प्रकाश दे सकते हैं।

DsGuruJi HomepageClick Here