- ऊतक कोशिकाओं का समूह होता है जिसमें कोशिकाओं की संरचना तथा कार्य एक समान होते हैं।
- पौधों के ऊतक (पादप ऊतक) दो प्रकार के होते हैं – विभज्योतक तथा स्थायी ऊतक।
- विभज्योतक (मेरिस्टेमेटिक) ऊपर एक विभाज्य ऊतक है तथा यह पौधों के वृद्धि वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- स्थायी ऊतक विभज्योतक से बनते हैं, जो एक बार विभाजित होने की क्षमता को खो देते हैं। इनका सरल तथा जटिल ऊतकों में वर्गीकृत किया जाता है।
- पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा तथा स्क्लेरेन्काइमा सरल ऊतकों के तीन प्रकार हैं। जाइलम और फ्लोएम जटिल ऊतकों के प्रकार हैं।
- एपिथीलियमी, पेशीय, संयोजी तथा तंत्रिका ऊतक जंतु ऊतक होते हैं।
- आकृति और कार्य के आधार पर एपिथीलियमी ऊतक को शल्की, घनाकार, स्तंभाकार, रोमीय तथा ग्रंथिल श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
- हमारे शरीर में विद्यमान संयोजी ऊतक के विभिन्न प्रकार हैं: एरिओलर ऊतक, एडीपोज (वसामय) ऊतक, अस्थि, कंडरा, स्नायु, उपस्थि तथा रक्त (रुधिर)।
- पेशीय ऊतक के तीन प्रकार होते हैं – रेखित, अरेखित और कार्डियक (हृदयक पेशी)।
- तंत्रिका ऊतक न्यूँरान का बना होता है, जो संवेदना को प्राप्त और संचालित करता है।
- सामान कोशाओं के पिण्ड अथवा स्तर, ऊतक कहलाते हैं।
- अर्न्तकोशीय पदार्थ के द्वारा ऊतक की कोशें जुडी होती हैं।
- शरीर में सबसे अधिक संयोजी ऊतक होते हैं।
- श्वासनली (Tracheal Wall) में इलास्टिक कार्टिलेज होता है।
- ऊंट के कृबड़ में एडिपोस ऊतक होते हैं।
- कार्टिलेज में रक्त कोशिका तथा लिम्फवेजल नहीं होते।
- लिगामेण्ट व टेण्डन संयोजी ऊतक हैं। टेण्डन – मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ता है। लिगामेण्ट – हड्डी को हड्डी से जोड़ता है।
- फाइब्रस कार्टीलेज सबसे महत्वपूर्ण कार्टिलेज है।
- इनवरटीब्रल डिस्क में फ्राइब्रस कार्टिलेज होते हैं।
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